संगीत — ग्रामीण भारत की धड़कन

गाँवों में संगीत सिर्फ मनोरंजन नहीं; त्यौहार, काम और यादें बनाने का तरीका है। भजन, लोक गीत, नाच या खेतों के गीत — ये सब समुदाय की पहचान हैं। यहाँ कुछ सरल और काम के सुझाव हैं जिनसे स्थानीय संगीत को सहेजा और आगे बढ़ाया जा सकता है।

स्थानीय संगीत पहचानें और रिकॉर्ड करें

सबसे पहले अपने इलाके की धुनें पहचानिए। बूढ़े गायकों और घर-घर में गाये जाने वाले गीतों को फोन से रिकॉर्ड कर लीजिए। स्मार्टफोन आज की सबसे आसान रिकॉर्डिंग मशीन है — शांत जगह चुनकर आवाज दें और दो-तीन बार रिकॉर्ड कर लें।

रिकॉर्डिंग के बाद उन्हें छोटा-सा नाम दें और तारीख लिखें। यह फाइलें बाद में लोकल लाइब्रेरी, स्कूल या पंचायत कार्यक्रमों में काम आएंगी। अगर संभव हो तो मेलोडी के साथ बजाने वाले साधारण वाद्ययंत्र जैसे ढोलक, ताबीला, बासुरी या एकतारा भी साथ रिकॉर्ड कर लें।

साझा करें और मंच बनाएं

रिकॉर्ड किए गए गानों को गोत्र, मंडली या पंचायत के छोटे कार्यक्रमों में सुनाइए। गाँव के मेले, स्कूल फ़ंक्शन और शादी-ब्याह में नए गायकों को जगह दीजिए। लाइव सुनने से कलाकारों का हौसला बढ़ता है और समुदाय जुड़ता है।

डिजिटल रास्ता अपनाना भी जरूरी है। व्हाट्सएप ग्रुप, फेसबुक पेज या स्थानीय यूट्यूब चैनल बनाकर गीतों का छोटा-सा संग्रह साझा कर सकते हैं। इससे शहर के लोग, प्रवासी और परिवार वाले भी जुड़ जाते हैं।

यदि आप कलाकार हैं, तो छोटी-छोटी रिकॉर्डिंग बनाइए — 2-3 मिनट के क्लिप ज्यादातर लोगों को सुनने में सरल लगते हैं। नाम, गाँव का नाम और गीत का शॉर्ट परिचय हर रिकॉर्डिंग में जोड़ दें ताकि पहचान बनी रहे।

सरकारी और गैर-सरकारी स्कीम भी मदद कर सकती हैं। कला मंत्रालय, राज्य सांस्कृतिक संस्थान और कई एनजीओ ग्रामीण कलाकारों को प्रशिक्षण, मंच और अनुदान देते हैं। नजदीकी जिला कला कार्यालय से संपर्क करके जानकारी ली जा सकती है।

संगीत से स्थानीय शिक्षा और स्वास्थ्य संदेश भी आसानी से फैलते हैं। मौसम, फसल सुरक्षा, साफ-सफाई या टीकाकरण जैसे विषयों पर सरल गीत बनाकर गांव-गांव में बजवाना असरदार रहता है। बच्चे और वृद्ध दोनों इसे जल्दी याद कर लेते हैं।

आखिर में, संगीत को सिर्फ प्रदर्शन नहीं समझिए — उसे समुदाय के काम में जोड़िए। स्कूलों में लोक संगीत की कक्षाएँ रखें, युवा समूह बनाइए और नौजवानों को वाद्ययंत्र सिखाइए। छोटे प्रयास से बड़ा असर दिखता है: स्थानीय भाषा और धुनें बचती हैं और नए ढंग से चमकती हैं।

अगर आप चाहें तो शुरू में तीन काम कर लें — एक गीत रिकॉर्ड करें, एक छोटी प्रस्तुति आयोजित करें और एक डिजिटल क्लिप साझा करें। ये छोटे कदम ही आपके गाँव के संगीत को नई पहचान दिलाएंगे।

23जन॰

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प्रकाशित किया गया जन॰ 23, 2023 द्वारा रवि भटनागर

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