उन्होंने शिपिंग उद्योग के प्रतिनिधियों से सुझाव दिया कि वे भारत में ‘शिप रिपेयर हब’ में बदलने के लिए जहाज की मरम्मत की सुविधाओं के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करें।
मंत्री ने भारतीय सेवा इंजीनियरों की विशेषज्ञता को बढ़ाने, यार्ड की क्षमता बढ़ाने और आवश्यक स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति बनाए रखने के पहलुओं पर जोर दिया, जो स्वदेशी रूप से निर्मित होते हैं।
श्री निरमा ने भारत निर्भार भारत की परिकल्पना को दोहराते हुए विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे के साथ शिप रिपेयरिंग सुविधाओं में नवाचार करने का आह्वान किया।
